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अंधेरे में चलता हूॅं तो परछाई की आदत नहीं
खुशमिजाज दिल को तन्हाई की आदत नहीं
सुना है जैसे आप वैसी कायनात दिखती है
मैंने वफ़ा किया कि बेवफ़ाई की आदत नहीं
मंज़िलें किनारों पर नहीं मिलती डूबना होगा
कामयाब क्या होगे 'गर गहराई की आदत नहीं
दर्द दूसरों का क्या समझेगा ये ज़माना भला
ज़ख़्म वो क्या जाने जिसे बवाई की आदत नहीं
मेरे तबीयत का मुदावा भी क्या करे चाराग़र
वफ़ूर-ए-ग़म-ए-दिल को दवाई की आदत नहीं
खुशमिजाज दिल को तन्हाई की आदत नहीं
सुना है जैसे आप वैसी कायनात दिखती है
मैंने वफ़ा किया कि बेवफ़ाई की आदत नहीं
मंज़िलें किनारों पर नहीं मिलती डूबना होगा
कामयाब क्या होगे 'गर गहराई की आदत नहीं
दर्द दूसरों का क्या समझेगा ये ज़माना भला
ज़ख़्म वो क्या जाने जिसे बवाई की आदत नहीं
मेरे तबीयत का मुदावा भी क्या करे चाराग़र
वफ़ूर-ए-ग़म-ए-दिल को दवाई की आदत नहीं
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