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जो फूल रास आए उसे तोड़ो नहीं, अच्छा होगा
हर एक बुरा आदमी कहीं ना कहीं अच्छा होगा
ख़म ढूंढना बंद करो तो हर आदमी अच्छा होगा
बस कमी देखोगे तो वो कबतक हीं अच्छा होगा
ज़मीं पर रह कर आसमाॅं के ख़्वाब देखता रहा
अब पता चला पैरों के खातिर जमीं अच्छा होगा
अपने क़िस्मत से जंग हमेशा जारी रखना "प्रियम"
ज़रुरी तो नहीं जो नसीब में है वहीं अच्छा होगा
हर एक बुरा आदमी कहीं ना कहीं अच्छा होगा
ख़म ढूंढना बंद करो तो हर आदमी अच्छा होगा
बस कमी देखोगे तो वो कबतक हीं अच्छा होगा
ज़मीं पर रह कर आसमाॅं के ख़्वाब देखता रहा
अब पता चला पैरों के खातिर जमीं अच्छा होगा
अपने क़िस्मत से जंग हमेशा जारी रखना "प्रियम"
ज़रुरी तो नहीं जो नसीब में है वहीं अच्छा होगा
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