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क्या कभी किनारे पर खड़े होकर समंदर या किसी नदी को एकटक निहारा है
या कभी बस, ट्रेन या कार से जाते हुए दूर तक फैले खेतों को देखा है
ये नहीं तो कम से कम ऊपर की और देखकर आसमान की थाह पाने का प्रयास तो किया ही होगा,
बंद घरों और चहुं ओर इमारतो से घिरे शहरों में रहकर खुद को और खुद से जुड़ी चीज़ो को बहुत बड़ा समझने लगे हैं हम
हमारे विचार, भावनाएं, ज्
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