Share0 Bookmarks 214910 Reads0 Likes
दुख है तो दुखेगा ही
कांटा है तो चुभेगा ही
घाव है तो रिसेगा ही
दरिया है तो बहेगा ही
नशा है तो चढ़ेगा ही
परवाना है तो जलेगा ही
बादल है तो बर
No posts
No posts
No posts
No posts
दुख है तो दुखेगा ही
कांटा है तो चुभेगा ही
घाव है तो रिसेगा ही
दरिया है तो बहेगा ही
नशा है तो चढ़ेगा ही
परवाना है तो जलेगा ही
बादल है तो बर
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments