Share0 Bookmarks 30497 Reads1 Likes
मैं थलचर ,नभचर ,जलचर का
फ्वाॅरेंनशिक सा चिट्ठा हूं
मैं तेल ,चीनी, और आटा,नमक के
भाव दिखाने का शीशा हूं।।
मैं लोकतंत्र और भोगतंत्र के
साक्ष्य दिखाने की गीता हूं
मैं अधिकारों , दायित्वों से दिक
भ्रष्टाचारी के पोल खोलने वस जीता हूं।।
मैं समय अविष्का करता हूं
नित्य नया साक्ष्य को लाता हूं
कहीं कृषि खूशबू को, बदबू में दिखलाता हूं
मॉनसून आगमन-गमन के अतिशय पर मैं ह्रदय से हिल जाता ह
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments