दुःख  और परिवार's image
Poetry1 min read

दुःख और परिवार

Prerna RajPrerna Raj April 30, 2023
Share0 Bookmarks 45758 Reads0 Likes

दुखों का भी अपना प्रकार है

किसी के जीवन से चले का दुख 

जब लगे की अब किसी एक खास इंसान के बिना

 कुछ नहीं रह गया 

तब ये दुख भी इस दुख के सामने कम पड़ जाता है

जब किसी पूरे परिवार को अपना घर,शहर 

और सब कुछ छोड़ के जाना पड़ता है 

जिस घर में एक आदमी अपने खून पसीने से 

एक _ एक ईंट जोड़ता है 

एक औरत उस घर को घर बनाती है 

जहां

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts