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दुःख और परिवार

Prerna RajPrerna Raj April 30, 2023
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दुखों का भी अपना प्रकार है

किसी के जीवन से चले का दुख 

जब लगे की अब किसी एक खास इंसान के बिना

 कुछ नहीं रह गया 

तब ये दुख भी इस दुख के सामने कम पड़ जाता है

जब किसी पूरे परिवार को अपना घर,शहर 

और सब कुछ छोड़ के जाना पड़ता है 

जिस घर में एक आदमी अपने खून पसीने से 

एक _ एक ईंट जोड़ता है 

एक औरत उस घर को घर बनाती है 

जहां बच्चों को खिलखिलाहट घर में जान डाल देती है

इन सब यादों और आंसुओं के साथ घर छोड़ना

 जीवन में बिना मौत के ही अंदर से मर जाना होता है ।


                         _ प्रेरणा राज 



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