Share0 Bookmarks 43607 Reads0 Likes
जो गए वो कितने सवाल छोड़ गए
क्यों सीने में हमारे वो,ये फास छोड़ गए।
मुर्शद,
कोई तो तरकीब बताओ उन तक जाने के,
जो हमारे हिस्से जीने का बवाल छोड़ गए।
मिट्टी उठने तक लोग थे इस दहलीज पर
क्यों सीने में हमारे वो,ये फास छोड़ गए।
मुर्शद,
कोई तो तरकीब बताओ उन तक जाने के,
जो हमारे हिस्से जीने का बवाल छोड़ गए।
मिट्टी उठने तक लोग थे इस दहलीज पर
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments