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जो गए वो कितने सवाल छोड़ गए
क्यों सीने में हमारे वो,ये फास छोड़ गए।
मुर्शद,
कोई तो तरकीब बताओ उन तक जाने के,
जो हमारे हिस्से जीने का बवाल छोड़ गए।
मिट्टी उठने तक लोग थे इस दहलीज पर
अब गए वो कि सब कुछ वीरान कर गए।
कल तक बुलाते थे सब उनके नाम से
आज बेवा होने का कलंक सरनाम कर गए।
क्यों हमारे हिस्से जीने का बवाल छोड़ गए..!!
Preeति
19/5/22
क्यों सीने में हमारे वो,ये फास छोड़ गए।
मुर्शद,
कोई तो तरकीब बताओ उन तक जाने के,
जो हमारे हिस्से जीने का बवाल छोड़ गए।
मिट्टी उठने तक लोग थे इस दहलीज पर
अब गए वो कि सब कुछ वीरान कर गए।
कल तक बुलाते थे सब उनके नाम से
आज बेवा होने का कलंक सरनाम कर गए।
क्यों हमारे हिस्से जीने का बवाल छोड़ गए..!!
Preeति
19/5/22
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