कोई उम्मीद ही नहीं बाकी इंतिज़ार कौन करे
किसी और के लिए ख़ुद को बिमार कौन करे
अपनी परेशानी अपना दर्द अपना सब कुछ
बेमतलब अपने अश्कों का व्यापार कौन करे
मुश्किलों में हमको किसने कभी गले लगाया
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