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हिंदी कविताPoetry1 min read

बुझते दिये को हम हवा का दें सहारा क्या करें

PRAVEEN BHARDWAJPRAVEEN BHARDWAJ March 15, 2023
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बुझते दिये को हम हवा का दें सहारा क्या करें

जो था हमारा है नहीं जो नइँ हमारा क्या करें


था उम्र भर का काम ही गिरते हुए को रोकना

जो हम गिरें तो हो गए हैं बेसहारा क्या करें


हम साथ उनके तब भी थे जब कोई भी होता नहीं

वो छोड़ कर जाते हैं तो उनको पुकारा क्या करें



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