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हवाओं से दोस्ती कर ली मैंने,
अब तूफानों से डर लगता नहीं मुझे
लहरें भी मेरी कायल हैं,
अब उफ़ानों से डर लगता नहीं मुझे
अब तो तेरे शहर के रंग रंग में रम गया हूँ मैं
बदनाम फ़सानों से अब डर लगता नहीं मुझे।
~विचार_प्रत्यक्ष
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