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आ जाओ ना अब गिरधारी ।

Pratima PandeyPratima Pandey August 30, 2021
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धर्म पर अधर्म हो रहा भारी ,

आ जाओ ना अब गिरधारी ।

सब तरफ नफरत छा गई है ,

कान्हा धरा तुझे पुकार रही है ।

प्रेम की सुधा फिर बरसाने को ,

आ जाओ ना मोहन लेकर राधे को ।

मानव भेष धरे यहां कुछ राक्षस घूम रहे,

पृथ्वी मैय्या का हैं वो सुख चैन छीन रहे ।

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