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मैं हूं कौन और क्या हूं मैं यह राज था अब तक राज रहा
मेरे जीवन में हर पल हर क्षण नई आफत का आगाज रहा
लोगों ने मुझको बिन मांगे खूब प्यार दिया सत्कार दिया
फिर ना जाने क्यों सब ने मुझको कुत्तों की तरह दुत्कार दिया
अफसोस नहीं उन लोगों का जिन्होंने मुझमें बदलाव किया
मुझे बांट दिया टुकड़ों में और मेरा मुझमें अलगाव किया
अब चीख रहे है वो सब मुझमें बन के परछाई काल सी
मैं लड़ रही हूं खड़ी अकेली खुद में खुद की ढाल सी
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