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मेरी क़ीमत घटाते जा रहे हो
मुझे अपना बनाते जा रहे हो।
तुम्हें मैं चाहता था भूल जाना
मग़र अब याद आते जा रहे हो।
नहीं है पास जो, सब कीमती है
ये तुम सबको बताते जा रहे हो।
फ़क़त अपना बनाने के लिए ही
बहुत दौलत लुटाते जा रहे हो।
किसी को भूलना अपना बनाकर
यही मुझको सिखाते जा रहे हो।
तुम्हें खोना नहीं चाहा, कभी भी
तुम्हीं मुझको भुलाते जा रहे हो।
ओ जाने जां, मुझे खो कर मेरी तुम
बहुत क़ीमत बढ़ाते जा रहे हो।
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