
Share0 Bookmarks 58 Reads2 Likes
उनका इज़हार करने का अंदाज ही कुछ और था
लतीफ़े उनके उल्फ़त के इस क़दर थे कि हम बयां कैसे करे
वो बस हमारी आँखों में आँखें डाल कर निहारते रह गए...
और हमे पता भी नहीं चला हम कब उनके हो गए ।।
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments