ये आसमाँ उन बादलों से भर गया होगा
जिनमें ख्वाहिशों सूरज सिहर गया होगा
यूँ बेवजह तो नहीं हुई होगी ये सेज गीली
शायद!आंसुओं का मोती बिखर गया होगा।
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