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एक अरसे बाद मैंने सितारों को देखा
हवाओं की गोद में चाँदनी की छांवमें,
पत्थरों को छोड़कर मिट्टी के गांव में;
चाँद को अंधेरे की खाई में भेज कर
आसमां से लटकते उन हारों को देखा।
एक अरसे बाद मैंने सितारों को देखा।
गुच्छों से उलझे कुछ लहरों से बिखरे,
कुछ धीमे चमकते कुछ हीरों से निखरे;
धागों की चादर के सुराखों से झांककर
आसमां के हर एक किनारों को देखा।
एक अरसे बाद मैंने सितारों को देखा।
कुछ दूर दूर फैले कुछ आपस मे ल
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