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ख्वाब नही वो हक़ीक़त है
जो भी है क़यामत है
दिखती है जिसमें एक हँसती ज़िन्दगी
वो लड़की बहुत खुबशुरत है
सो जाता हूँ जिसे मैं रोज पढ़ते पढ़ते
वो खुदा की लिखी एक इनायत है
उसके शहर से मेल खाता है मिज़
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