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बंधनों की जिन्हें आदत वो कहाँ अफ़सोस करते हैं
खोल कर देख लो बंधन वो बंधा महसूस करतें है।
~अम्बष्ठ
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बंधनों की जिन्हें आदत वो कहाँ अफ़सोस करते हैं
खोल कर देख लो बंधन वो बंधा महसूस करतें है।
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