अक्सर वही मंज़र याद आता है,
मेरे परों को काटने का खंजर याद आता है,
जिसमें डगमगाई मेरे जीवन की नैया,
वो काले होते मन का समंदर याद आता है।
लाख याद आए ये पल बार बार म
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