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वो कहते हैं तो कहने दो,
अब हमको फर्क नहीं पड़ता।
कितनी भी गहरी चोट लगे,
सीने में दर्द नहीं बढ़ता।
है भूंख वही है प्यास वही,
जीवन मेरा कुछ खास नहीं।
बस सबर करो तुम आज रुको,
मैं कल परचम लहराऊंगा।
मरुथल की अपनी दुनिया में ,
घनघोर घटा बन छाऊंगा।!
From -D3
बंदे हैं हम उसके हम पे किसका जोर,
उम्मीदों के सूरज निकले चारों ओर।
इरादें हैं फौलादी हिम्मती हर कदम,
अपने हाथों किस्मत लिखने आज चले हैं हम।।
~ $hukl@mbuj ...
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