Share0 Bookmarks 43216 Reads1 Likes
प्रिय!
तुम समुद्र हो जो अपनी गहराई से इतर
अपने खारेपन की तरफ ही
ध्यान आकृष्ट कराते ह
No posts
No posts
No posts
No posts
प्रिय!
तुम समुद्र हो जो अपनी गहराई से इतर
अपने खारेपन की तरफ ही
ध्यान आकृष्ट कराते ह
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments