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मोहब्बत में सारे ग़म मिल रहे हैं
दीवान-ए-मोहब्बत न कम मिल रहे हैं
मंजिल-ए-मोहब्बत का मिलना तय नहीं है
सफ़र में इसके तमाम हुजूम मिल रहे हैं
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मोहब्बत में सारे ग़म मिल रहे हैं
दीवान-ए-मोहब्बत न कम मिल रहे हैं
मंजिल-ए-मोहब्बत का मिलना तय नहीं है
सफ़र में इसके तमाम हुजूम मिल रहे हैं
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