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महबूब के शहर में होना भी उतना ही महफूज़ है,
जितना उनकी बाहों के पनाहों में होना..
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महबूब के शहर में होना भी उतना ही महफूज़ है,
जितना उनकी बाहों के पनाहों में होना..
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