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एक ख्वाब देखा है
मन चाहता होगा वैसा
तभी तो देखा है मगर,
मेरा 'मैं' नहीं चाहता।
उस बेहद खूबसूरत ख्वाब
को हकीकत करने में
मेरा 'मैं' मेरे 'मन' के खिलाफ है।
- प्रद्युम्न
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