तुच्छ's image
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घिनौना ये सोच है,

घिनौने ये कुछ तुच्छ नामर्द लोग।

"बेटी-बचाओ" नारे का क्या हुआ?

क्या तुम इतनी जल्दी भूल गए?


बेटियों ने जीता है पुरस्कार,

देश के नाम की हुई जय जयकार।

ओ तुच्छ!, है तुम पर मुझे धिक्कार,

नज़ाने कब रुकेगा ये बलात्कार?

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