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'तमंचा हाथ में देकर खिलौना कह दिया यारों'

Pradeep Seth सलिलPradeep Seth सलिल March 18, 2023
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ये नन्हे ख्वाब को बारूद उसने दे दिया यारों,

तमंचा हाथ में देकर खिलौना कह दिया यारों।


किताबें कापियाँ बस्ते में होनी थी मगर ये क्या,

सियासत का सबक बच्चों की रग़ में दे दिया यारों,


परिंदों के कतरकर पर उड़ाया आसमानों में,

कहा दुनिया से ताइर को खुलापन दे दिया यारों।


के काला हो गया हर दिन अंधेरा है अभी हर सू ,

गुलों की वादियों को शुष्क सहरा दे दिया यारों।


ये चेहरा कौम का इंसानियत का कैसे संवरेगा,

हवाओं को हुनर आतिश का उसने दे दिया यारों।


--प्रदीप सेठ सलिल

ताइर= bird/पक्षी

सू=दिशा, तरफ़, ओर

आतिश=अग्नि

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