"रोशनी की जिल्द में काले सफ़े देखें जरा।"'s image
Love PoetryPoetry1 min read

"रोशनी की जिल्द में काले सफ़े देखें जरा।"

Pradeep Seth सलिलPradeep Seth सलिल May 18, 2022
Share0 Bookmarks 61063 Reads0 Likes

"रोशनी की जिल्द में काले सफ़े देखें जरा।"


अब चलो सड़कों पे बंगले छोड़कर देखें जरा

रोशनी की जिल्द में काले सफ़े देखें जरा।


आसमाँ से तोड़कर तारे सजाए हैं जहाँ

उनके तहखानों में गर्दिश का समाँ देखे जरा।


तारीख़ में जब नूर के किस्से लिखें

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts