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"दुनिया में सबसे आगे हमारा वतन रहे"
बिजली किसी ख़्याल की तड़पा रही है आज,
बादल में तिरंगे को वो फहरा रही है आज,
दुनिया में सबसे आगे हमारा वतन रहे
इसके लिए माँ भारती बुला रही है आज।
शहादत के जो आशिक हैं, नमन् उनको नमन् उनको,
मिटे जो देश की ख़ातिर, नमन् उनको नमन् उनको,
लहू से सींचकर अपने, वतन पावन है कर डाला,
उन्हें श्रृद्धा समर्पित है, नमन् उनको नमन् उनको।
दुनिया की बस्तियों में अब ये आम हो गया
भारत का हर क़दम बड़ा पैगाम हो गया,
फ़ौलाद सा है जिस्म मगर दिल है फूल सा
मेरा वतन मोहब्बतों के नाम हो गया।
--प्रदीप सेठ सलिल
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