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"आकाश पर से बादल छटेंगें"
कोई चिन्ह शेष नही है अब
मेरी हथेलियों पर
फिर भी
मैं निराश तो नही
विश्वास है मुझे
कि भाग्य रेखा उभरेगी
मेरे हाथों पर,
और संपूर्ण वातावरण
परिवर्तित हो जाएगा
ख़ुशहाली के न
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