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"छज्जों से छत्तों से गर्मी आँगन तक आई"

Pradeep Seth सलिलPradeep Seth सलिल June 10, 2022
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"गर्मी का रथ"


छज्जों से, छत्तों से  गर्मी  आंगन तक आई,

जेठ मास के रथ पर चढ़कर  दिल्ली गरमाई।


बंद हुआ स्कूल  चलो नानी मामी के द्वार,

मौसा-मौसी  फ़ूफ़ा-फ़ूफ़ी  के रौनक  आई।

छज्जों से छतों से-----


सत्तू घोलें  शरबत पी लें

ख़ीरा ककड़ी के संग जी लें,

देखो लीची रानी राजा आम साथ लाई,

छज्जों से  छतों से-------


खरबूजा, तरबूज मटक कर सड़कों पर आए

इतराई  ठण्डाई  छम-छम घर-घर  पसराई,

छज्जों से छतों से गर्मी-----


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