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"गर्मी का रथ"
छज्जों से, छत्तों से गर्मी आंगन तक आई,
जेठ मास के रथ पर चढ़कर दिल्ली गरमाई।
बंद हुआ स्कूल चलो नानी मामी के द्वार,
मौसा-मौसी फ़ूफ़ा-फ़ूफ़ी के रौनक आई।
छज्जों से छतों से-----
सत्तू घोलें शरबत पी लें
ख़ीरा ककड़ी के संग जी लें,
देखो लीची रानी राजा आम साथ लाई,
छज्जों से छतों से-------
खरबूजा, तरबूज मटक कर सड़कों पर आए
इतराई ठण्डाई छम-छम घर-घर पसराई,
छज्जों से छतों से गर्मी-----
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