
Share0 Bookmarks 87 Reads2 Likes
किस सोच में डूबा रहता है
जीवन से ऊबा रहता है
क्या आशाओं ने लूटा है
या नियति तुझसे रूठा है
सांत्वना में सुख मत ढूंढ यहाँ
हर शब्द यहाँ पर झूठा है
सुख का हर पल सीमित है
मृत निश्चित है जो जीवित है
स्वयं को अलग मत जान यहाँ
हर जीवन यहाँ पर पीड़ित है
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments