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समंदर से नाराजगी कैसी ?
उस एक अकेले शख्स से ये आशिकी कैसी
उस एक अकेले शख्स से ये आशिकी कैसी
के उसे गले से कभी लगाया नहीं मैंने,
फिर उससे अलग होने की ये जिद्द कैसी,
और देखो, बिना कुछ किये, वो मार गया मुझे,
जा कर कोई उससे पूछो, ये कलाकारी कैसी,
सबके सामने बहुत अच्छा बनता है ना वो
तहजीब से बात, शब्दों में मिठास, लहजे में नरमी,
आँखों में नमी,
सब बनावटी है मेरे दोस्त,
उसे आती है कई तरकीबें ऐसी।।
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