
Share0 Bookmarks 83 Reads1 Likes
मैं हर एक ख्वाब मुक्कमल कर जाऊंगा
जब मैं मर जाऊंगा ।।
तुमसे किये हुए वादे, तुम्हारे साथ देखें थे जो सपने,
सबों को एक दिन पूरा कर जाऊंगा,
जब मैं मर जाऊँगा।।
इन खुली आँखों से देखी थी जो ज़िन्दगी मैंने, जीने के लिए
वो ज़िन्दगी मैं एक दिन जी जाऊँगा,
जब मैं मर जाऊँगा,
अब भी बाज़ नहीं आ रहा हूँ इन हरकतों से अपनी मैं,
बेहतर कल को देख रहा हूँ सपनों में
क्या सही में, मैं उस कल को जी जाऊँगा, हाँ ।।
जब मैं मर जाऊँगा।।
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments