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बहुत सोचा है तुम्हे, यूं लगता है की जीवन भर यूं ही सोचेंगे
सोचेंगे की क्या ही ले गए तुम मुझसे ऐसा,
जो इतने लंबे अंतराल में भी हम भर ना पाए,
सोचेंगे कि कहां वो कौन सी कमी है,
जो हर पल दिल का दरवाजा खटखटा कर अधूरेपन का एहसास कराती है,
सुनेंगी उन अनकही आवाजों को एहसासों को,
जो आज भी मेरे कानो में झंकार बन गूंजती है,
जो रात के अंधेरे में मुझे झकझोर कर जगा जाती है,
समझेंगे उन जज्बातों को ज
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