वफात's image
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इंसान खुदगर्ज हो भला क्या पाता है,
फकत अपने दिल का मर्ज छुपता है,
संग बीते लम्हे ही मयस्सर जान पड़ते है,
वफात ए वक्त अमूमन वो इस सच से रूबरू हो पाता है

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