
Share0 Bookmarks 82 Reads1 Likes
रात हुई है सुबह भी जरूर होगी,
खुद पर यकीन रख हर दुविधा दूर होगी,
अकसर कुछ बन्धन देरी से छूट पाते हैं,
ये नफरत कहती हैं वहां भी महोबबत जरूर होगी
जो बोया था ख्वाब माना ख्वाब रह गया,
फकत उनके सपनों में मेरी मूरत जरूर होगी,
मंजिलों की भूख की कशमकश में जब भी थमेगा,
उस पल तुझे मेरी जरूरत जरूर होगी
एकतरफा ही सही आंसू बहे तो क्या,
तेरी हर सिसकी में मेरी गूंज जरूर होगी,
ये आंसू यू ही नमकीन थोड़ा हुए हैं,
उनमें मेरी लहू की बूंद जरूर होगी
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments