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गमगीन से तुम,मायूस से हम,
पर कहने को अब रहा क्या है,
फिजाओं में कयूं तेरे लफ्ज़ हैं बहते,
सीखा दो हमें भी ये अदा क्या है
रेत से बिखरते वक्त को सोच,
दुश्मनी का हमसे सिलसिला क्या है?
मोहब्बत के लम्हों में जिंदगी है जिंदा,
बता जीवन में अब और बचा क्या है
प्यार
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