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खफा लोगो को ये रातें, नही क्यो रास आती है,
ख्वाबों में उन्हें चाहकर, हकीकत दर्द पाती है,
वफा तू खुद से भी तो रख खुदा के नाम पर बंदया,
जो हस्ते है ये किस्मत भी, उन्ही पर खिलखिलाती है
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