0 Bookmarks 26721 Reads0 Likes
रफ्तार पकड़ ले जिंदगी क्यूं हारी हारी बैठी है,
तेरी एक मुस्कान पे दुनिया देखो वारी वारी बैठी है
तेरे तेज से पिघले सूरज भी, बादल गरजे तेरे आने पर,
तू मीठी धार है झरने की क्यूं खारी खारी बैठी है
दुख की बदरा छट जायेगी, नई सुबह फिर आयेगी,
देख तेरी अगवानी में पूरी फुलवा
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments