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प्राणों का छल

PoonamPoonam October 5, 2022
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छोटी सी जिंदगी में धड़कन सिमट रही है,

शाखो के सब्ज पत्ते धरती निगल रही है,

लक्ष्यों से भरी गागर, खुशियों से सिली चादर,

क्यूं छीन के प्रकृति प्राणों को छल रही है


वो भाई था किसी का, था किसी का जाया,

वो प्रेमी था किसी का, अब सब से हैं पराया,

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