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ठीक है मैं चलती हूं,
किसी दूसरी दुनिया में कभी तुझसे मिलती हूं,
अब मैं चलती हूं
तुझे तकलीफ से रूबरू करा भला,
कौन सा सुख पाऊंगी,
जो तू टूटता दिखा मुझे,
मैं कांच सी बिखर जाऊंगी,
अब मैं चलती हूं
परेशान न हो,
तेरी जीवन बेला में हम बेनाम रहेंगे,
तेरे हर रस्ते से अंजान रहेंगे,
तुझे मांग पर पाया भी तो क्या पाया,
हम गुमनाम थे हमेशा गुमनाम रहेंगे
अब मैं चल
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