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नैनो में फिर से नमी सी है,
आज फिर तेरी कमी सी है
सांसों का काफिला चल तो रहा है,
तुझसे जुड़ी वो धड़कन थमी सी है
जो चाहे लगा ले आवाज फिर से,
लफ्ज़ है पर जुबान अब जमी सी है
क्य
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