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सोचते है रिहा कर दे तुम्हे इस उलझे से रिश्ते से,
उन बातो से उन जज्बातों से,
उन लम्हों से उन एहसासों से
प्रश्न ये है कि हमने तुम्हे बांधा कब होगा?
अमूमन ये हुआ होगा कि,
हम जब हाथ थामे चल रहे होंगे तो,
तेरा कुछ मुझ में समा गया होगा
या फिर जब दिल मिले होंगे,
तो कोई एक नन्ही सी धड़कन का कतरा तू मुझ में छोड़ गया होगा
अब ये तेज सी धड़कन हर सांस में धड़कती है,त
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