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पल में जिंदगी बदलने का रौब रखते थे,
हम गरीब सही, नवाबों के शौक रखते थे,
मुआमला हालाकि यूं था उस जमाने में,
महबूब के लिए पागल मोहब्बत का रोग रखते थे
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