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लरजते से मेरे वो लब, तेरे गालों की लाली पे,
मन मोर सा थिरके, तेरी मीठी सी गाली पे,
हम चाहते है इश्क में अब तर बतर होना,
गोली कब चलाओगी,नजरों की दुनाली से
तुझे जब देखते है दांत मोती से चमक उठते,
होंठों से टपकते लफ्ज़ फूलों से महक उठते,
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