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यूं ही हुस्न की बिजलियां गिराती चल,
समा गमगीन न रहे माहौल को जगमगाती चल,
झूठी मोहब्बत झूठे सपने देखते दिखाते है लोग,
खुद की चाहत में फना हो इठलाती चल
खूबसूरत लबों से टपका दे शहद,
तितलियों सी फूलों पर मंडराती च
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