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मकान फिर से। घर बन गए हैं।
एक दूसरे का ध्यान, प्यार, चिंता, मन में रम गए हैं।
जिंदगी ने फिर से उल्टी करवट ली, सोचने के लिए एक नई दिशा दी।
आज अपनों के बीच फिर से हम खिल गए हैं, मकान फिर से घर बन गए हैं।
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