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मोरपंख को चूमती हो जब अधर पर धरकर,
बंशी शिकायत करती है तब बंशीधर से रूठकर..
चेहरे को छुपा ल
बंशी शिकायत करती है तब बंशीधर से रूठकर..
चेहरे को छुपा ल
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