पहली तनख्वा's image
1 min read

पहली तनख्वा

PnktiPnkti February 28, 2022
0 Bookmarks 40519 Reads0 Likes
आज पहली तनख्वाह आने पर,
खुश तो मैं जरूर हूं,
पर ये भी सोचने पे मजबूर हूं,

तू मेरी उमर का ही था शायद...

जब बचपन मेरा बहार था,
किया तूने पुरा हर ख़्वाब था
मेरी फरमाइशें ज़रूरतों से मोल के,
अपने जेब के सारे सिक्के टटोल के

तू धूप में जलता रहा, 
संसार से लड़ता रहा
हर दिन लोकल ट्रेन बदलता रहा,
और एक शिफ्ट extra करता रहा

संघर्ष में जीवन गुज़ारा तूने,
कदमों

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts