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ये टीस मेरे दिल से कभी जाएगी नहीं
बहुत दूर जा चुकी है वो, अब लौटकर आएगी नहीं
लौट आएंगे जरूर सारे मौसम मगर
अबके बसंत वो कोयल आएगी नहीं
अब तो लगता है कि मर के ही मयस्सर हो हमको सुकूँ
जीते जी ये शय हाथ आएगी नहीं
--पीयूष यादव
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